पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ का तृतीय दीक्षांत समारोह 26 अक्टूबर, 2024 को सम्पन्न हुआ |
पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़, रायपुर का तृतीय दीक्षांत समारोह दिनांक 26 अक्टूबर, 2024 को गरिमामयी वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी, अपरहान 3ः30 बजे विश्वविद्यालय प्रांगण पहुँची सर्वप्रथम उन्होंने परिसर में लाल चंदन का पौधा रोपित किया। ततपश्चात् स्वर्ण पदक एवं एम.सीएच. उपाधिधारियों तथा विद्यापरिषद, प्रबंधन समिति तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ माननीय राज्यपाल श्री रमेन डेका जी, माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी, माननीय विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जी तथा माननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल जी की उपस्थिति में ग्रुपिंग फोटो सम्पन्न हुआ।
इसके पश्चात् दीक्षांत शोभा यात्रा सम्पन्न हुई एवं अतिथियों ने मंच पर आसन ग्रहण किया। पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्रगान वादन तथा दीप प्रज्वलन उपरांत कुलसचिव महोदय द्वारा कुलाधिपति महोदय की अनुमति से दीक्षांत समारोह विधिवत प्रारंभ हुआ। सर्वप्रथम कुलपति डॉ पी.के. पात्रा जी द्वारा स्वागत उद्धबोधन एवं अकादमिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने अपने उद्धबोधन में विश्वविद्यालय की विकास यात्रा एवं भविष्य की योजनाओं पर सविस्तार प्रकाश डाला। तत्पश्चात् कुलाधिपति महोदय की अनुमति से 6 एम. सीएच., 606 स्नातकोत्तर, 5725 स्नातक कुल 6337 उपाधि प्राप्तकर्ताओं को उपाधि प्रदान करने की घोषणा कुलपति महोदय ने की। समारोह की अगली कड़ी में उपस्थित 4 एच. सीएच. उपाधि प्राप्तकर्ताओं एवं 25 छात्र/छात्राओं को उपाधि तथा गोल्ड मेडल का वितरण करतल ध्वनि के मध्य भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने स्वयं किया।
तत्पश्चात् प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी ने अपना सारगर्भित उद्धबोधन प्रस्तुत किया। अपने उद्धबोधन में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को आप जैसे चिकित्सकों से बहुत उम्मीदें है। अपने अध्यक्षीय उद्धबोधन में प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय ने उपाधि प्राप्तकर्ताओं एवं गोल्ड मेडल प्राप्तकर्ताओं के मेहनत एवं लगन की प्रसंशा की। उन्होंने चिकित्सकों के दायित्वों एवं कर्तव्यों का भी स्मरण कराया। मुख्य अतिथि भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी, ने अपने दीक्षांत भाषण में सहज भाषा में आर्शीवचन दिया एवं याद दिलाया कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है जिसमें उत्तम लोक स्वास्थ महत्वपूर्णकारक होगा जिसमेें चिकित्सकों का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
कुलाधिपति महोदय की अनुमति से कुलसचिव महोदय ने दीक्षांत समारोह के समापन की घोषणा किया एवं राष्ट्रगान के साथ विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षांत समारोह हजारों उपस्थित गणमान्य अतिथियों, प्रदेश के चिकित्सकों, अभिभावकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियोें तथा छात्र/छात्राओं की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ |
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